नीतिवचन 18 : 21 – Masih News


जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा।

  नीतिवचन 18  :  21

   मेरे प्रियों बाइबल हमे बताती है कि आओ हम अपने आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रहे ।          

(आओ हम अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्योंकि जिस ने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्चा है।

  इब्रानियों 10  :  23)

क्या है आपके आशा के अंगीकार 

मैं आशीषत हूँ , मैं चंगा हूँ , बाइबिल कहती है कि हम अपने आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रहे। क्योंकि परमेश्वर ने अपने मुँह में डिवाइन ताक़त दी है परमेश्वर सचा है जिसने आपको ये ताक़त दी है जैसे जब हम उत्पति में पड़ते है—-

तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया।

  उत्पत्ति 1  :  3

 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें; और वैसा ही हो गया।

  उत्पत्ति 1  :  11

जैसे जैसे परमेश्वर ने बोला वो होता गया ऐसे ही परमेश्वर ने हमारे मुँह में भी डिवाइन पॉवर दी है । इसलिए आपको ये बात हमेशा याद रहे कि हमारे मुँह से कुछ भी ग़लत ना निकले चाहए वो अपने लिए हो या दूसरो के लिये । आप हमेशा अच्छा अंगीकार करे चाहे आप बीमार क्यों ना हो   आपको ये नहीं बोलना है की मैं बीमार हूँ बल्कि ये अंगीकार करना है कि प्रभु येशु मैं आपके कोड़े खाने से चंगा हो गया हूँ आपका धन्यवाद मैं चंगा हूँ , चाहे आप ग़रीबी में हो लेकिन आपको अंगीकार करना है प्रभु आप कंगाल हुए ताकि मैं धनी हो जाऊ मैं धनी हूँ आपका धन्यवाद क्योंकि बाइबिल हमे यही सिखाती है

प्रियों हमे हमेशा ध्यान रहे कोई नेगेटिव बात हमारे मुँह से ना निकले अगरहम अपनी जीभ से अच्छा बोलेंगे तो अच्छा ही देखेंगे। क्योंकि परमेश्वर ने कहा मैं तुम्हारे  मुँह के फलों का सृजनहार हूँ , जो भी आप मुँह से बोलेंगे परमेश्वर उसे पूरा कर देंगे । कई बार लोग थोड़ा बीमार हो जाये तो अपने लिए ही ग़लत अंगीकार करने शुरू कर देते है मैं तो मर जाऊँगा बचूँगा नहीं जो की बिल्कुल ग़लत है — क्योंकि वचन हमे बताता है 

जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा।

  नीतिवचन 18  :  21

इसलिए कभी ग़लत अंगीकार ना करे जैसे मैं तो बहुत बीमार हूँ , मैं ग़रीब हूँ, मैं हार जाऊँगा बल्कि हमेशा अच्छी और पॉजिटिव बाते ही करे । अगर आपके मुँह पर कंट्रोल नहीं है तो कोई पास्टर ,कोई चर्च आपकी सहायता नहीं कर सकती है।इसलिए अच्छा और पॉजिटिव ही बोले । प्रभु आपको इस वचन के द्वारा आशीष दे । अमीन



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